‘नाद’
‘नाद’- सूक्ष्म शब्द है । स्थूल में सुनाई देनेवाले शब्द को हम लोग ‘शब्द कहते है परन्तु जो शब्द सूक्ष्म है, उनको “वैखरी”, ‘नाद’ कहते है ।
जिस शब्द की गति नापी जा सके, उसे शब्द कहते है । जो शब्द शुक्ष्म है और जिसकी गति नापी न जा सके , वह “वैखरी” है, उसको ‘नाद’ या ‘अनहद’ कहते है ।
‘नाद’ का भान मात्र ‘मन’ को ही होता है ।
‘नाद’ से सूक्ष्म ‘बिन्दु’ है और बिन्दु से सूक्ष्म ‘बीज’ है । इससे भी सूक्ष्म ‘गति’ है । गति ‘प्रकृति’ का स्वरूप है और उसके परे ‘चित्त’ है ।